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SCO Summit 2025: तिआनजिन में पीएम मोदी का बड़ा संदेश – आतंकवाद पर दोहरा रवैया अब नहीं चलेगा,

"PM Modi at SCO Summit 2025 Tianjin – आतंकवाद पर No Double Standards का Strong Message"
PM Modi at SCO Summit 2025 Tianjin – आतंकवाद पर No Double Standards का Strong Message"


SCO Summit 2025 – तिआनजिन से भारत का सशक्त संदेश

31 अगस्त से 1 सितम्बर 2025 तक चीन के तिआनजिन में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत की आवाज़ पूरी दुनिया ने सुनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में साफ कहा –

👉 “आतंकवाद पर कोई दोहरा रवैया स्वीकार नहीं होगा, यह मानवता पर हमला है।”

पीएम मोदी का कड़ा रुख – आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

मोदी ने SCO देशों से आह्वान किया कि आतंकवाद पर एकमत होकर कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने पाहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल भारत पर नहीं बल्कि मानवता पर हमला था।पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को समर्थन देकर दुनिया को गुमराह नहीं कर सकते।

SCO: Security, Connectivity, Opportunity
मोदी ने SCO के लिए भारत का विज़न तीन शब्दों में समझाया:

1. Security (सुरक्षा) – आतंकवाद, ड्रग्स और संगठित अपराध से लड़ाई।

2. Connectivity (कनेक्टिविटी) – चाबहार पोर्ट और ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट्स।

3. Opportunity (अवसर) – स्टार्टअप्स, टेक्नोलॉजी, युवा सशक्तिकरण और डिजिटल सहयोग।

मोदी–शी जिनपिंग मुलाकात: "भारत-चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं, साझेदार"

सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने सुर्खियां बटोरीं।

दोनों नेताओं ने माना कि भारत और चीन "प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि विकास के साझेदार" हैं।

सीमा विवाद, व्यापार घाटा और साइबर सुरक्षा पर भी बातचीत हुई।

खास बात यह रही कि चीन ने क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद पर भारत को सहयोग का आश्वासन दिया।

रूस का समर्थन और ग्लोबल साउथ की एकजुटता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और चीन के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ के हितों को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने पश्चिमी नीतियों पर निशाना साधते हुए बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (Multipolar World Order) को आगे बढ़ाने की बात कही।

भारत के लिए क्यों अहम है यह सम्मेलन?

सुरक्षा के स्तर पर: SCO मंच भारत को आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक समर्थन दिला सकता है।

आर्थिक दृष्टिकोण से: रूस और चीन के साथ व्यापार और ऊर्जा समझौते भारत को नए अवसर देंगे।

कूटनीतिक रूप से: भारत का संतुलित नेतृत्व वैश्विक राजनीति में उसकी स्थिति को और मजबूत करता है।


निष्कर्ष

SCO समिट 2025 भारत के लिए केवल एक अंतरराष्ट्रीय मीटिंग नहीं, बल्कि अपनी विदेश नीति, सुरक्षा दृष्टिकोण और आर्थिक नेतृत्व को प्रदर्शित करने का मंच भी है। पीएम मोदी का आतंकवाद पर कड़ा रुख और भारत-चीन रिश्तों में संवाद की पहल आने वाले महीनों में एशिया की राजनीति को नई दिशा दे सकती है l


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO समिट 2025 (तिआनजिन, चीन) में आतंकवाद, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर को लेकर भारत का विज़न दुनिया के सामने रखा।

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